व्हाट्सएप पर दो खतरनाक वायरस फैल गए हैं। इनसे सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। आईबी और रॉ ने रक्षा प्रतिष्ठानों और सुरक्षाकर्मियों को इस बाबत आगाह किया है। ये निजी सूचना, रक्षा से जुड़ी जानकारी और बैंकिंग डाटा में सेंध लगा सकते हैं।
इनमें से एक वायरस का नाम एनडीए तो दूसरे का नाम एनआईए है। एजेंसियों ने चेतावनी में कहा कि चूंकि ये जांच एजेंसी और नेवी की अकादमी के नाम पर बना है इसलिए इन्हें लेकर गुमराह न हों। इनसे जुड़ी कुछ भी सामग्री व्हाट्सएप पर आने पर उस पर क्लिक न करें। होशियार रहें।
निजी ब्योरे में सेंध!
आईबी ने कहा कि इनका मकसद सुरक्षा संस्थाओं से जुड़े लोगों के निजी ब्योरे में सेंध लगाना हो सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि हैकरों ने नौसेना की पुणे स्थित एनडीए अकादमी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए के नाम पर जानबूझकर इन वायरस का नाम रखा है।
वर्ड व पीडीएफ फाइल में मिले वायरस
एजेंसियों को माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल शीट के रूप में वायरस मिले हैं। इन्हें व्हाट्सएप पर शेयर किया जा रहा है। आईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि ये एमएस वर्ड या फिर पीडीएफ फाइल के रूप में भी हो सकते हैं। हालांकि यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि वायरस कहां से फैलना शुरू हुआ।
रक्षा विभाग से लेकर सेना के अधिकारी अमूमन व्हाट्सएप पर सूचनाएं साझा करते हैं। इस वजह से एजेंसियों को डर है कि ये सेना में सेंध लगाने के लिए तैयार किया है। बैंकों, वित्तीय संस्थाओं को भी सरकार ने इन वायरस से बचने के लिए कहा है।
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इनमें से एक वायरस का नाम एनडीए तो दूसरे का नाम एनआईए है। एजेंसियों ने चेतावनी में कहा कि चूंकि ये जांच एजेंसी और नेवी की अकादमी के नाम पर बना है इसलिए इन्हें लेकर गुमराह न हों। इनसे जुड़ी कुछ भी सामग्री व्हाट्सएप पर आने पर उस पर क्लिक न करें। होशियार रहें।
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आईबी ने कहा कि इनका मकसद सुरक्षा संस्थाओं से जुड़े लोगों के निजी ब्योरे में सेंध लगाना हो सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि हैकरों ने नौसेना की पुणे स्थित एनडीए अकादमी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए के नाम पर जानबूझकर इन वायरस का नाम रखा है।
वर्ड व पीडीएफ फाइल में मिले वायरस
एजेंसियों को माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल शीट के रूप में वायरस मिले हैं। इन्हें व्हाट्सएप पर शेयर किया जा रहा है। आईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि ये एमएस वर्ड या फिर पीडीएफ फाइल के रूप में भी हो सकते हैं। हालांकि यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि वायरस कहां से फैलना शुरू हुआ।
रक्षा विभाग से लेकर सेना के अधिकारी अमूमन व्हाट्सएप पर सूचनाएं साझा करते हैं। इस वजह से एजेंसियों को डर है कि ये सेना में सेंध लगाने के लिए तैयार किया है। बैंकों, वित्तीय संस्थाओं को भी सरकार ने इन वायरस से बचने के लिए कहा है।
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