अरबों प्रकाश वर्ष की दूरी से धरती पर आ रहीं रहस्यमयी रेडियो तरंगों की गुत्थी को वैज्ञानिकों ने सुलझा लेने का दावा किया है। FRB पर रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों के मुताबिक ये रेडियो तरंगें ऐलियन्स भेज रहे हैं।
हाल के दिनों में हुए एक शोध में इन अद्भुत रेडियो तरंगों के बारे में एक बड़ी दिलचस्प जानकारी मिली है। FRB पर हो रहे शोध में ऐसी ही एक तरंग का जब अध्ययन किया गया, तो पता चला कि वह धरती से अरबों प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित एक छोटी सी आकाशगंगा में पैदा हो रहा है। यह उस आकाशगंगा में जीवन की मौजूदगी का संकेत हो सकता है। ऐसा हो सकता है कि वहां हम इंसानों की ही तरह, या फिर हमसे अलग कोई ऐलियन जीवन मौजूद हो।
इसे सबसे पहले साल 2012 में पुअर्टो रिको में स्थित अरसेबो वेधशाला के खगोलशास्त्रियों ने देखा था। पिछले 4 सालों में ऐसी झिलमिलाहट भरी रेडियो तरंगें कई बार दिखाई दी हैं। 6 महीने तक इनका अध्ययन करने के बाद अब वैज्ञानिक आकाश में इसकी स्थिति की सटीक जानकारी दे सकते हैं।
FRB बहुत ज्यादा ऊर्जा से भरी रेडियो तरंगे होती हैं, लेकिन इनकी उम्र बहुत कम होती है। कुछ मिलिसेकंड में ये तरंगें खत्म हो जाती हैं। इसके बारे में पहली बार साल 2007 में पता चला था। सेकंड के कुछ हिस्से कर जिंदा रहने वाली ये तरंगें इतने कम समय में भी इतनी ऊर्जा पैदा करती हैं, जितनी ऊर्जा पैदा करने में सूर्य को 10,000 साल लग जाएंगे। अब तक 17 FRB की पहचान हो चुकी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आसमान में हर साल 10 सेकंड के अंतराल पर कहीं न कहीं ये रेडियो तरंगें पैदा होती हैं।
हाल के दिनों में हुए एक शोध में इन अद्भुत रेडियो तरंगों के बारे में एक बड़ी दिलचस्प जानकारी मिली है। FRB पर हो रहे शोध में ऐसी ही एक तरंग का जब अध्ययन किया गया, तो पता चला कि वह धरती से अरबों प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित एक छोटी सी आकाशगंगा में पैदा हो रहा है। यह उस आकाशगंगा में जीवन की मौजूदगी का संकेत हो सकता है। ऐसा हो सकता है कि वहां हम इंसानों की ही तरह, या फिर हमसे अलग कोई ऐलियन जीवन मौजूद हो।
इसे सबसे पहले साल 2012 में पुअर्टो रिको में स्थित अरसेबो वेधशाला के खगोलशास्त्रियों ने देखा था। पिछले 4 सालों में ऐसी झिलमिलाहट भरी रेडियो तरंगें कई बार दिखाई दी हैं। 6 महीने तक इनका अध्ययन करने के बाद अब वैज्ञानिक आकाश में इसकी स्थिति की सटीक जानकारी दे सकते हैं।
FRB बहुत ज्यादा ऊर्जा से भरी रेडियो तरंगे होती हैं, लेकिन इनकी उम्र बहुत कम होती है। कुछ मिलिसेकंड में ये तरंगें खत्म हो जाती हैं। इसके बारे में पहली बार साल 2007 में पता चला था। सेकंड के कुछ हिस्से कर जिंदा रहने वाली ये तरंगें इतने कम समय में भी इतनी ऊर्जा पैदा करती हैं, जितनी ऊर्जा पैदा करने में सूर्य को 10,000 साल लग जाएंगे। अब तक 17 FRB की पहचान हो चुकी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आसमान में हर साल 10 सेकंड के अंतराल पर कहीं न कहीं ये रेडियो तरंगें पैदा होती हैं।
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