आयोग का कहना है कि इससे पता चलता है कि फेसबुक ने इरादतन या लापरवाही से ईयू विलय नियमों का उल्लंघन करते हुए गलत और भ्रामक सूचनायें ईयू को दीं। आयोग ने कहा है कि उसकी इस आपत्ति का 2014 में हुए 22 अरब डॉलर के विलय की सहमति पर कोई असर नहीं होगा। फेसबुक को इसके जवाब के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया गया है। अगर आयोग की जांच सही पायी जाती है तो फेसबुक पर उसके कुल कारोबार का एक फीसदी जुर्माना लगाया जा सकता है।
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