भारत में हैकर्स एक बार फिर से खबरों में हैं. पहले कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट हैक किया गया, फिर विवादित शराब कारोबारी विजय माल्या का, फिर शिकार बने वरिष्ठ टीवी पत्रकार बरखा दत्त और रवीश कुमार.
इन सभी मामलों में हैकर्स ने इनके ट्विटर अकाउंट हैक कर लिए और फिर उनके अकाउंट से अनाप-शनाप बातें पोस्ट कर दीं. खबरों के मुताबिक 'लाजिएन' नाम के हैकर्स ग्रुप ने इसकी जिम्मेदारी ली है व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कुछ अन्य लोगों के अकाउंट हैक करने का इशारा भी किया है.
2 एफए का करिए प्रयोग
ऐसे में ट्विटर की तरफ से लोगों से 2FA की मदद से अपने अकाउंट्स को और सेफ बनाने की बात कही गई है. यह समझना जरूरी है कि ये 2एफए क्या है? और हम किस प्रकार से न केवल ट्विवटर बल्कि, फेसबुक, जीमेल, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, याहू, एप्पल, अमेजॉन, फिडेलिटी इंवेस्टमेंट्स, आउटलुक आदि के अपने अकाउंट्स को और ज्यादा सुरक्षित बना सकते हैं.
दरअसल 2एफए का मतलब है टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन. आमतौर पर जब हम लॉग इन करते हैं तो सिर्फ हमें पासवर्ड की दरकार होती है, जिसे हैकर्स आसानी से हैक करके बदल देते हैं.
लेकिन आपने यदि आपने अपने अकाउंट में 2एफए का ऑप्शन चुना है तो किसी भी नए फोन या कंप्यूटर के जरिए लॉग इन करने पर आपका काम सिर्फ पासवर्ड से नहीं चलेगा. ऐसे में आपके रजिस्टर्ड मोबाइल पर एसएमएस के रूप में 6 अंकों का एक लॉग इन कोड या वेरिफिकेशन कोड भी आएगा और बिना पासवर्ड और इस कोड के आप लॉग इन नहीं कर पाएंगे.
जाहिर है कि इससे आपके ईमेल अकाउंट या सोशल मीडिया अकाउंट को दोहरी सुरक्षा मिलती है. हैकर्स जब किसी नए डिवाइस से आपके अकाउंट को हैक करने की कोशिश करेंगे, तब उनके पास पासवर्ड हासिल करने का तरीका तो होगा, लेकिन वे आपका 6 अंकों वाला लॉग इन कोड हासिल नहीं कर पाएंगे, क्योंकि उसका एसएमएस आपके फोन पर आएगा.
ये सुविधा उन सभी प्रमुख वेबसाइट्स या मोबाइल एप्लिकेशन्स में मौजूद हैं, जिनका आप इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए आपको सिक्योरिटी एंड प्राइवेसी सेटिंग में जाकर 2एफए के विकल्प का चुनाव करना होगा. अगर आपका फोन नंबर पहले से दर्ज नहीं है तो इसे दर्ज कराना होगा.
सभी वेबसाइट्स पर एक ही प्रक्रिया
कमोबेश सभी वेबसाइट्स में 2एफए लागू करने की एक ही तरह की प्रक्रिया है. विशेष जानकारी के लिए 2एफए की जानकारी देने वाली कुछ वेबसाइट्स या फिर जिस सेवा का आप इस्तेमाल कर रहे हैं, उसके हेल्प एंड सपोर्ट वाली लिंक पर जाकर भी आप जानकारी हासिल कर सकते हैं.
याद रखें कि 2एफए इस सेवा के लिए प्रयोग किया जाने वाला एक सामान्य शब्द या टर्म है, लेकिन अलग अलग वेबसाइट पर जब आप इसे लागू करने के लिए जाएंगे तो इसके लिए समान अर्थ वाले किसी अन्य टर्म का प्रयोग भी होता है.
मसलन फेसबुक इसके लिए लॉग इन अप्रूवल शब्द का इस्तेमाल करता है तो वहीं ट्विटर इसके लिए लॉग इन वेरिफिकेशन शब्द का इस्तेमाल करता है. मोटे तौर पर देखा जाए तो 2एफए और कुछ नहीं बल्कि अपने अकाउंट को दोहरी सुरक्षा देने का नाम है, जिसका इस्तेमाल हम सभी को करना चाहिए.
इन सभी मामलों में हैकर्स ने इनके ट्विटर अकाउंट हैक कर लिए और फिर उनके अकाउंट से अनाप-शनाप बातें पोस्ट कर दीं. खबरों के मुताबिक 'लाजिएन' नाम के हैकर्स ग्रुप ने इसकी जिम्मेदारी ली है व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कुछ अन्य लोगों के अकाउंट हैक करने का इशारा भी किया है.
2 एफए का करिए प्रयोग
ऐसे में ट्विटर की तरफ से लोगों से 2FA की मदद से अपने अकाउंट्स को और सेफ बनाने की बात कही गई है. यह समझना जरूरी है कि ये 2एफए क्या है? और हम किस प्रकार से न केवल ट्विवटर बल्कि, फेसबुक, जीमेल, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट, याहू, एप्पल, अमेजॉन, फिडेलिटी इंवेस्टमेंट्स, आउटलुक आदि के अपने अकाउंट्स को और ज्यादा सुरक्षित बना सकते हैं.
दरअसल 2एफए का मतलब है टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन. आमतौर पर जब हम लॉग इन करते हैं तो सिर्फ हमें पासवर्ड की दरकार होती है, जिसे हैकर्स आसानी से हैक करके बदल देते हैं.
लेकिन आपने यदि आपने अपने अकाउंट में 2एफए का ऑप्शन चुना है तो किसी भी नए फोन या कंप्यूटर के जरिए लॉग इन करने पर आपका काम सिर्फ पासवर्ड से नहीं चलेगा. ऐसे में आपके रजिस्टर्ड मोबाइल पर एसएमएस के रूप में 6 अंकों का एक लॉग इन कोड या वेरिफिकेशन कोड भी आएगा और बिना पासवर्ड और इस कोड के आप लॉग इन नहीं कर पाएंगे.
जाहिर है कि इससे आपके ईमेल अकाउंट या सोशल मीडिया अकाउंट को दोहरी सुरक्षा मिलती है. हैकर्स जब किसी नए डिवाइस से आपके अकाउंट को हैक करने की कोशिश करेंगे, तब उनके पास पासवर्ड हासिल करने का तरीका तो होगा, लेकिन वे आपका 6 अंकों वाला लॉग इन कोड हासिल नहीं कर पाएंगे, क्योंकि उसका एसएमएस आपके फोन पर आएगा.
ये सुविधा उन सभी प्रमुख वेबसाइट्स या मोबाइल एप्लिकेशन्स में मौजूद हैं, जिनका आप इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए आपको सिक्योरिटी एंड प्राइवेसी सेटिंग में जाकर 2एफए के विकल्प का चुनाव करना होगा. अगर आपका फोन नंबर पहले से दर्ज नहीं है तो इसे दर्ज कराना होगा.
सभी वेबसाइट्स पर एक ही प्रक्रिया
कमोबेश सभी वेबसाइट्स में 2एफए लागू करने की एक ही तरह की प्रक्रिया है. विशेष जानकारी के लिए 2एफए की जानकारी देने वाली कुछ वेबसाइट्स या फिर जिस सेवा का आप इस्तेमाल कर रहे हैं, उसके हेल्प एंड सपोर्ट वाली लिंक पर जाकर भी आप जानकारी हासिल कर सकते हैं.
याद रखें कि 2एफए इस सेवा के लिए प्रयोग किया जाने वाला एक सामान्य शब्द या टर्म है, लेकिन अलग अलग वेबसाइट पर जब आप इसे लागू करने के लिए जाएंगे तो इसके लिए समान अर्थ वाले किसी अन्य टर्म का प्रयोग भी होता है.
मसलन फेसबुक इसके लिए लॉग इन अप्रूवल शब्द का इस्तेमाल करता है तो वहीं ट्विटर इसके लिए लॉग इन वेरिफिकेशन शब्द का इस्तेमाल करता है. मोटे तौर पर देखा जाए तो 2एफए और कुछ नहीं बल्कि अपने अकाउंट को दोहरी सुरक्षा देने का नाम है, जिसका इस्तेमाल हम सभी को करना चाहिए.
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