Wednesday, 28 December 2016

Digital प्लेटफॉर्म को नए अवतार में लॉन्च करेगी सरकार

केंद्र सरकार अब डिजीटल पेमेंट को एक नए अवतार में लॉन्च करेगी। भारत में डिजीटल इकोनोमी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने अपनी यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंटरी सर्विस डाटा (यूएसएसडी) को नए तरीके से लॉन्च करेगी।
डिजीटल पेमेंट आसान होगा, साधारण फोन से भी होगा
डिजीटल पेमेंट से जुड़ी इन दोनों सुविधाओं को पहले से आसान बनाया जाएगा। आसान तरीके से अब लोग डिजीटल लेन-देन कर सकेंगे। यही नहीं अब लोग बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी डिजीटल लेन-देन कर पाएंगे। अगले एक सप्ताह के अंदर यूपीआई को इस्तेमाल करने का आसान तरीका लॉन्च किया जाएगा। अब केंद्र सरकार एक ही ऐसी एप्लीकेशन लॉन्च करेगी जिसको डाउनलोड करके अलग-अलग बैंकों से लेन-देन किया जा सकेगा। यूएसएसडी प्लेटफॉर्म का भी समृद्ध वर्जन तैयार किया जा रहा है। नई सुविधा में साधारण फोन के जरिए भी डिजीटल ट्रांजेक्शन किया जा सकेगा। स्मार्टफोन के अलावा फीचर फोन पर भी ये एप्लीकेशन काम करेंगी।
नोटबंदी के बाद दोगुना हुआ डिजीटल ट्रांजेक्शन
8 नवंबर को लागू हुई नोटबंदी के बाद अचानक डिजीटल तरीके से लेनदेन में बढ़ोतरी हुई है। नोटबंदी के बाद यूपीआई प्लेटफॉर्म पर लेनदेन की संख्या दोगुनी हो गई। यूपीआई प्लेटफॉर्म पर पहले करीब 70 हजार रजिस्टर्ड यूजर्स थे। वहीं अब इन यूजर्स की संख्या बढ़कर 4.2 मिलियन हो गई। एनपीसीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर एपी होती ने बताया कि हम बहुत खुश हैं कि नोटबंदी के बाद डिजीटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिला है। 70 हजार हमारे लिए एक संतोषजनक नंबर नहीं था। हमको उम्मीद है कि आने वाले दिनों में ये संख्या और ज्यादा बढ़ेगी। यूपीआई सुविधा में अगस्त में लॉन्च हुई थी। अभी तक देशभर के 33 बैंक इस प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं।
अपग्रेड होंगे यूपीआई और यूएसएसडी एप्लीकेशन
यूजर्स यूपीआई को गूगल प्ले स्टोर और एप्पल एप स्टोर पर जाकर इसके डाउनलोड कर सकते हैं। नए वर्जन से इसका उपयोग और भी आसान हो जाएगा। नया एप्प पुराने एप्प की जगह नहीं लेगा। ये मौजूदा सिस्टम को अपग्रेड करेगा। वहीं यूएसएसडी प्लेटफॉर्म का 51 बैंक सहयोग कर रहे हैं। यूएसएसडी पर डिजीटल लेनदेन की संख्या 1.5 लाख प्रतिदिन से बढ़कर 6.5 लाख प्रतिदिन हो गई है। यूएसएसडी का अपग्रेडेड वर्जन फीचर फोन पर भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस फीचर के जरिए आप दूसरों को पैसा भेज भी सकेंगे। यूएसएसडी इस समय हिंदी और अग्रेंजी के अलावा 12 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।

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